आयुर्वेद और मेडिकल साइंस के अनुसार हस्तमैथुन सही या गलत
दोस्तो आज की इस पोस्ट में बहुत ही दिलचस्प टॉपिक पर बात करेंगे। और वो है हस्तमैथुन के बारे । आज पूरी दुनिया में शायद ही कोई ऐसा है जो हस्तमैथुन ना करता हो फिर चाहें वो पुरूष हो या महिलाएं । एक स्टडी के अनुसार 96 प्रतिशत पुरूष और 90 प्रतिशत महिलाए हस्तमैथुन करती है।यह एक ऐसा टॉपिक है जिसे हम सार्वजनिक रूप से कभी नही स्वीकार कर सकते । आज हम इसके बारे में डिटेल में बतायेंगे की एलोपैथी डॉक्टर और आयुर्वेद डॉक्टर क्या कहते है । और हस्तमैथुन के फायदे क्या है और नुकसान क्या है।
एलोपेथी डॉक्टर के अनुसार-
एलोपैथी से मतलब यंहा आज की मेडिकल साइंस से है । तो इस संदर्भ में डॉक्टरो का कहना है की हस्तमैथुन एक सामान्य प्रकिया है । और एक लिमिट में किया गया हस्तमैथुन बहुत सामान्य है। लेकिन इसकी अति करना गलत है।अब सवाल आता है की कितना सही।है और कितना गलत । इसका जवाब यह है की यह निर्भर करता है आपकी आयु और आपकी उर्जा क्षमता पर। यदि आप एक बार हस्तमैथुन करने पर ही आप बुरा महसूस करते हो या पछतावा करते हो ।तो आप इसे यंहा तक ही सीमित रखे ।अन्यथा आप इसे सप्ताह मैं 2 से 3 बार ही रखे।इससे ज्यादा करना घातक सिद्ध हो सकता है।खास कर तब जब आप एक दिन में ही एक से ज्यादा बार करते हो।
हस्तमैथुन के फायदे-
1. आनंद की प्राप्ति-
इसे करने का सबसे बड़ा फायदा यही है की इससे लोगो को आनद की अनुभूति होती है । और सबसे बाद कारण भी यही है।
2.शरीर को आराम -
हस्तमैथुन से शरीर को आराम मिलता है ।
3.नींद अच्छी आना-
हस्तमैथुन के बाद नींद काफी अच्छी आती है।
4 . दूसरे कार्यो में फोकस -
कई बार लोग अपने काम में फोकस नही कर पाते है लेकिन हस्तमैथुन के बाद अपने काम पर फोकस बढ़ जाता है।
इनके अलावा भी बहुत सारे फायदे है
हस्तमैथुन के नुकसान-
इससे नुकसान भी हो सकता है। खास कर यह तब होता है जब इसकी लत लग जाये ।और कोई भी व्यक्ति इसकी अति करने लग जाये।
1.आलस्य आना
2. चिड़चिड़ापन
3. पछतावा होना
4. काम या दैनिक गतिविधियों को छोड़ देना
आयुर्वेद के अनुसार -
विभिन्न तरह की भ्रांतियां तथा सभी डॉक्टर एक मत नही होने के कारण लोग आयुर्वेद क्या कहता है यह जानना चाहते है। देखिए आयुर्वेद मेडिकल साइंस की यह बात की जैसे खून बनता है वीर्य भी वैसे बन जाता है । और बार बार बनता है चाहे इसे कितना भी निकाल लो। इस बात को आयुर्वेद नही मानता। आयुर्वेद के अनूसार यह एक संजीवनी शक्ति है। जिसे हम पानी की तरह बहा रहे है । साइंस कहती है की जो खून हम दान करते है वह 24 घण्टे मै बन जाता है। लेकिन क्या उस खून में उतनी शक्ति, उतनी रोगप्रतिरोधक क्षमता रहेगी । जो पहले वाले खून में थी? चलो मान भी लिया की उस खून जितनी शक्ति को 6 महीने में आपने खा पी कर वापस भी पा लिया । जब उस खून को पाने में इतना समय लगा है तो वीर्य तो उसके कही बाद जाके बनता है।तो उसमे वो शक्ति कहा से आएगी । एक बच्चा वीर्य से ही पैदा होता है। वीर्य एक बीज है जिसे आप नाली में बहा रहे हो। यह कहा तक सही है की आप इस संजीवनी शक्ति को आपके पूरे शरीर के निचोड को , आपकी पूरी शक्ति को बहा दे । जब भी व्यक्ति का हस्तमैथुन करता है तब आपने देखा होगा की व्यक्ति का शरीर पीछे से पूरी तरह खींच जाता है। एक दम से जान बहार आ जाती है। यानी अपने उस ताकत को पानी की तरह बहा दिया है। जो सही नही है।
आयुर्वेद के ग्रन्थो में लिखा है की इस संजीवनी शक्ति को आप संजो कर रखे । जिस चीज के लिए जो चीज बनी है
उसे वही इस्तेमाल करे । जब आपके वीर्य में जोश पूरा रहेगा । तो ही आपके चेहरा पर ओज ,खूबसूरती ,चमक, रौनक रहेगी । और आपमे ताकत होगी तो ही एक स्वस्थ बच्चा होगा । अगर आपके वीर्य में ताकत नही है तो आप बताओ क्या बच्चे में वो ताकत होगी।
मेडिकल साइंस कहती है की ज्यादा न करने पर इसका कोई खास असर नही पड़ता
इस कथन पर आयुर्वेद डॉक्टर कहते है की मेडिकल साइंस हर 20 साल में बदल रही है।पहले देसी घी को शरीर के लिए नुकसानदेय बताते थे । और इसे केलोस्ट्रोल के लिए जिम्मेदार मानते थे।जबकि अब इसे अच्छा बताते है।पहले कोयले से दंतमंजन करना गलत बताते थे और अब इसे दांतो के लिए सही मानते है।। और आज से 10 या 20 साल बाद एक नई रिसर्च कहे की हस्तमैथुन गलत है फिर क्या होगा जब चिड़िया चुग गई खेत।
ये थे एलोपैथी और आयुर्वेद के मत । हम इस सन्दर्भ में निर्णय आप पर छोड़ते है की आप एलोपैथी को माने या आयुर्वेद को।
दोस्तो आज की इस पोस्ट में बहुत ही दिलचस्प टॉपिक पर बात करेंगे। और वो है हस्तमैथुन के बारे । आज पूरी दुनिया में शायद ही कोई ऐसा है जो हस्तमैथुन ना करता हो फिर चाहें वो पुरूष हो या महिलाएं । एक स्टडी के अनुसार 96 प्रतिशत पुरूष और 90 प्रतिशत महिलाए हस्तमैथुन करती है।यह एक ऐसा टॉपिक है जिसे हम सार्वजनिक रूप से कभी नही स्वीकार कर सकते । आज हम इसके बारे में डिटेल में बतायेंगे की एलोपैथी डॉक्टर और आयुर्वेद डॉक्टर क्या कहते है । और हस्तमैथुन के फायदे क्या है और नुकसान क्या है।
एलोपेथी डॉक्टर के अनुसार-
एलोपैथी से मतलब यंहा आज की मेडिकल साइंस से है । तो इस संदर्भ में डॉक्टरो का कहना है की हस्तमैथुन एक सामान्य प्रकिया है । और एक लिमिट में किया गया हस्तमैथुन बहुत सामान्य है। लेकिन इसकी अति करना गलत है।अब सवाल आता है की कितना सही।है और कितना गलत । इसका जवाब यह है की यह निर्भर करता है आपकी आयु और आपकी उर्जा क्षमता पर। यदि आप एक बार हस्तमैथुन करने पर ही आप बुरा महसूस करते हो या पछतावा करते हो ।तो आप इसे यंहा तक ही सीमित रखे ।अन्यथा आप इसे सप्ताह मैं 2 से 3 बार ही रखे।इससे ज्यादा करना घातक सिद्ध हो सकता है।खास कर तब जब आप एक दिन में ही एक से ज्यादा बार करते हो।
हस्तमैथुन के फायदे-
1. आनंद की प्राप्ति-
इसे करने का सबसे बड़ा फायदा यही है की इससे लोगो को आनद की अनुभूति होती है । और सबसे बाद कारण भी यही है।
2.शरीर को आराम -
हस्तमैथुन से शरीर को आराम मिलता है ।
3.नींद अच्छी आना-
हस्तमैथुन के बाद नींद काफी अच्छी आती है।
4 . दूसरे कार्यो में फोकस -
कई बार लोग अपने काम में फोकस नही कर पाते है लेकिन हस्तमैथुन के बाद अपने काम पर फोकस बढ़ जाता है।
इनके अलावा भी बहुत सारे फायदे है
हस्तमैथुन के नुकसान-
इससे नुकसान भी हो सकता है। खास कर यह तब होता है जब इसकी लत लग जाये ।और कोई भी व्यक्ति इसकी अति करने लग जाये।
1.आलस्य आना
2. चिड़चिड़ापन
3. पछतावा होना
4. काम या दैनिक गतिविधियों को छोड़ देना
आयुर्वेद के अनुसार -
विभिन्न तरह की भ्रांतियां तथा सभी डॉक्टर एक मत नही होने के कारण लोग आयुर्वेद क्या कहता है यह जानना चाहते है। देखिए आयुर्वेद मेडिकल साइंस की यह बात की जैसे खून बनता है वीर्य भी वैसे बन जाता है । और बार बार बनता है चाहे इसे कितना भी निकाल लो। इस बात को आयुर्वेद नही मानता। आयुर्वेद के अनूसार यह एक संजीवनी शक्ति है। जिसे हम पानी की तरह बहा रहे है । साइंस कहती है की जो खून हम दान करते है वह 24 घण्टे मै बन जाता है। लेकिन क्या उस खून में उतनी शक्ति, उतनी रोगप्रतिरोधक क्षमता रहेगी । जो पहले वाले खून में थी? चलो मान भी लिया की उस खून जितनी शक्ति को 6 महीने में आपने खा पी कर वापस भी पा लिया । जब उस खून को पाने में इतना समय लगा है तो वीर्य तो उसके कही बाद जाके बनता है।तो उसमे वो शक्ति कहा से आएगी । एक बच्चा वीर्य से ही पैदा होता है। वीर्य एक बीज है जिसे आप नाली में बहा रहे हो। यह कहा तक सही है की आप इस संजीवनी शक्ति को आपके पूरे शरीर के निचोड को , आपकी पूरी शक्ति को बहा दे । जब भी व्यक्ति का हस्तमैथुन करता है तब आपने देखा होगा की व्यक्ति का शरीर पीछे से पूरी तरह खींच जाता है। एक दम से जान बहार आ जाती है। यानी अपने उस ताकत को पानी की तरह बहा दिया है। जो सही नही है।
आयुर्वेद के ग्रन्थो में लिखा है की इस संजीवनी शक्ति को आप संजो कर रखे । जिस चीज के लिए जो चीज बनी है
उसे वही इस्तेमाल करे । जब आपके वीर्य में जोश पूरा रहेगा । तो ही आपके चेहरा पर ओज ,खूबसूरती ,चमक, रौनक रहेगी । और आपमे ताकत होगी तो ही एक स्वस्थ बच्चा होगा । अगर आपके वीर्य में ताकत नही है तो आप बताओ क्या बच्चे में वो ताकत होगी।
मेडिकल साइंस कहती है की ज्यादा न करने पर इसका कोई खास असर नही पड़ता
इस कथन पर आयुर्वेद डॉक्टर कहते है की मेडिकल साइंस हर 20 साल में बदल रही है।पहले देसी घी को शरीर के लिए नुकसानदेय बताते थे । और इसे केलोस्ट्रोल के लिए जिम्मेदार मानते थे।जबकि अब इसे अच्छा बताते है।पहले कोयले से दंतमंजन करना गलत बताते थे और अब इसे दांतो के लिए सही मानते है।। और आज से 10 या 20 साल बाद एक नई रिसर्च कहे की हस्तमैथुन गलत है फिर क्या होगा जब चिड़िया चुग गई खेत।
ये थे एलोपैथी और आयुर्वेद के मत । हम इस सन्दर्भ में निर्णय आप पर छोड़ते है की आप एलोपैथी को माने या आयुर्वेद को।
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